भक्ति की शुरूआत स्वयं और अपने घर से करें – महात्मा हीरालाल

भक्ति की शुरूआत स्वयं और अपने घर से करें - महात्मा हीरालाल

Bhinder@VatanjayMedia

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भीण्डर के सूरजपोल स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में निरंकारी सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें महात्मा हीरालाल निमावत ने सत्संग करते हुए विभिन्न विषयों पर उपदेश दिया।

राधेश्याम रेगर ने बताया कि सत्संग का आरंभ अवतार वाणी के शब्द से शुरू हुआ और प्रारंभ में रेणुका एंड पार्टी, राम सिंह एंड पार्टी उदयपुर ने भजनों की प्रस्तुति दी, जिस पर श्रद्धालुओं ने मंगलाचरण आरती प्रस्तुत की।

इसके बाद महात्मा हीरालाल निमावत ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य परमात्मा की प्राप्ति होता हैं और प्रभु परमात्मा की प्राप्ति कोई असंभव कार्य नहीं है। इसके लिए पूर्ण सद्गुरु की शरण में जाना होता है और अपनी जिज्ञासा प्रकट करनी होती है।

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भक्ति की शुरुआत खुद से होती है और अपने घर से होती है इसलिए इसमें महिलाओं का योगदान बहुत जरूरी है। जब हम निस्वार्थ भाव से किसी और के लिए कोई शुभ कर्म करते हैं तो उसे वक्त के मनोभाव ही सुकून प्रदान करते है। किसी के दुख में शामिल होने के साथ हम अपनी समस्या छोटी लगने लगती है।

इस दौरान पुलिस निरीक्षक किशन लाल बागोरिया, भूपेंद्र कुमार बागोरिया ने महात्माओं का माला व दुपट्टा पहना कर स्वागत किया एवं हरि सिंह भाटी रणिया ने आभार प्रकट किया। सत्संग में राम सिंह राजपूत, सुशीला बहन, ममता, चंदा, गुड्डी, नंदलाल बाकोलिया, भेरूलाल निरंकारी, रवि कुमार यादव, रमेश चंद चौधरी, आदि ने विचार व्यक्त किये। संचालन उदय लाल निरंकारी ने किया निरंकारी मिशन के मीडिया सहायक राधेश्याम रेगर ने जानकारी दी।

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