एक ठग ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम से बनाया था ग्रुप, ऐंठने वाला था लाखों रूपये
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर उपखण्ड क्षेत्र में एक ठग ने वाट्सअप ग्रुप बनाकर रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने के नाम से बेरोजगार युवाओं से रूपये ऐंठने की तैयारी कर रहा था, लेकिन जैसे ही वातांजय मीडिया को इस ग्रुप के बारे में जानकारी मिली तो तुरन्त रेलवे विभाग को सूचना पहुंचा करके ठग से तुरन्त ग्रुप बंद करवाया और कार्यवाही शुरू कर दी है। ग्रुप बंद होने से सैकड़ों बेरोजगार युवा ठगी होने से बच गये।
जानकारी के अनुसार भीण्डर क्षेत्र के अमरपुरा खालसा गांव निवासी चुन्नीलाल गायरी ने अपने मोबाइल नंबर ******3729 से 11 जून को एक वाट्सअप ग्रुप बनाया। जिसका नाम भा.रे.मा.गो.श्र.सं.उदयपुर रखा गया। इस ग्रुप में उक्त युवक ने अपने आसपास क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को जोड़ा। उसके बाद ग्रुप में मैसेज भेजकर रेलवे में नौकरी दिलाने की बात की और सम्पर्क करने का संदेश लिखा। इसके अलावा इसमें सभी को विश्वास भी दिलाया कि ये कोई फर्जी ग्रुप नहीं हैं और निश्चित रूप से रेलवे विभाग में नौकरी दिलाई जायेंगी और किसी के साथ धोखा नहीं होगा व डरने की जरूरत नहीं है जैसे मैसेज किये। वहीं ग्रुप में ये भी बताया कि 30 जून को उदयपुर में रेलवे की बड़ी मीटिंग होगी, जिसमें पूरे भारत के रेलवे प्रभारी उपस्थित रहेंगे।
ग्रुप में ये मैसेज कर भर्ती की दी जानकारी
रेलवे के इन पदों पर होनी बताई भर्ती
रेलवे भर्ती के लिए बनाएं गये ग्रुप में चुन्नीलाल गायरी के मोबाइल से मैसेज करके विभिन्न पदों की भर्ती के बारे में जानकारी दी। जिसमें बताया कि मुंशी बीए वेतन 40 हजार, सरदार 12 वीं पास वेतन 40 हजार, चपरासी 5 से 10 वीं कक्षा पास वेतन 28 हजार, लेबर साक्षर वेतन 28 हजार बताई गई। इन पदों के आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो 10, मार्कशीट, 100 रूपये का स्टाम्प, ब्लड ग्रुप रिपोर्ट जैसे दस्तावेज मांग गये थे।
उदयपुर रेलवे विभाग को सूचना देकर बंद करवाया ग्रुप
इस ग्रुप के बारे में शुक्रवार शाम को एक युवक ने वातांजय मीडिया को जानकारी और स्क्रीन शॉट भेजे। जिसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेकर शाम को ही उदयपुर में रेलवे विभाग के एआरओ बद्रीप्रसाद स्वामी को अवगत करवाया। जिस पर एआरओ ने रेलवे पुलिस को शिकायत भेजी। जिस पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए उक्त व्यक्ति को उदयपुर तलब किया और तुरन्त प्रभाव से ग्रुप बंद करवाया। ग्रुप बंद होने से सैकड़ों बेरोजगार युवा ठगी से बच गये। वहीं रेलवे पुलिस ने भी आगामी कार्यवाही के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी।
मेरा फोन हो गया था हैक, मैंने नहीं किये मैसेज – चुन्नीलाल
हालांकि वाट्सअप हैक नहीं हो सकता हैं और ना ही इस प्रकार कोई अन्य व्यक्ति संबंधित व्यक्ति के नंबर से मैसेज भेज सकता है। लेकिन अपनी कारस्तानी को छूपाने के लिए हैक होने की बात कह रहा है। जबकि रेलवे पुलिस से फोन आने के तुरन्त बाद इसी नंबर से ग्रुप के सभी सदस्यों को रिमूव किया गया और ग्रुप को बंद कर दिया।
वातांजय मीडिया अपील
आप सभी बेरोजगार युवाओं से अपील करते हैं कि सरकारी विभागों में नौकरी के लिए स्वयं विभाग समाचार पत्रों व अपनी अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से विज्ञापन निकालती है। ऐसे ग्रुप बनाकर कोई भी व्यक्ति बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम से ठगी कर सकते है। इसलिए ऐसे मैसेज और सूचनाओं पर विश्वास नहीं करके संबंधित विभाग के कार्यालय या वेबसाइट से सम्पूर्ण जानकारी लेंवे ताकि आपके साथ ठगी नहीं हो सके।
ADVT. :-