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शारदीय नवरात्रा – कालिका माता मेले में उमड़ी भीड़, कल निकलेगा सरवर

गरबों पाण्डालों में छाई हुई हैं रंगत, हवन-पूर्णाहुति कल

Bhinder@VatanjayMedia

शारदीय नवरात्रि पर्व के तहत भीण्डर एवं आसपास क्षेत्र के शक्तिपीठ व देवालयों में विविध आयोजन हो रहे है। वहीं नगर के प्रमुख स्थानों पर रात्रि को गरबा रास का आयोजन भी धूमधाम से हो रहा है।

नगर के प्रसिद्ध बीजासर माता, कालिका माता, वनखण्डेश्वरी माता, अम्बा माता, राठौड़ बावजी गुन्दी वाले जूनी भीण्डर, भदेरिया भेरुजी देवालय, चकतिया बावजी, पिपलीया बावजी, काली कल्याण धाम सहित विभिन्न स्थानों पर नवरात्रा पर्व के तहत दूर्गा पाठ आयोजित किए जा रहे है। वहीं नृसिंह भगवान मन्दिर, बगीची वाले हनुमान मन्दिर, दवेला पाल स्थित हनुमान मन्दिर पर अखण्ड रामायण पाठ जारी है।

अष्ठमी पर कालिका माता मेले में उमड़ी भीड़

भीण्डर के प्रसिद्ध कालिका माता शक्तिपीठ पर अष्ठमी के अवसर पर गुरूवार को दो दिवसीय मेला शुरू हुआ। जिसमें नगर सहित आसपास क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु मेले का आनन्द लेने के लिए पहुंचे। वहीं रात्रि जागरण व हवन का भी आयोजन हुआ, जिसमें दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा।

मेले में विभिन्न प्रकार की स्टॉल लगाई गई। मन्दिर मण्डल अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शक्तावत ने बताया कि 11 अक्टूबर शुक्रवार सुबह हवन-पूर्णाहुति की जाएगी। इसके बाद मन्दिर से सरवर रवाना होगा जो विभिन्न स्थानों से होते हुए गंभीर सागर तालाब पर पहुंचेगा।

वहीं भीण्डर के प्रसिद्ध पिपलिया श्याम मन्दिर परिसर में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया। इसके अलावा शुक्रवार सुबह भीण्डर नगर स्थित बीजमाता मन्दिर से सरवर निकले जो विभिन्न मार्गों से होते हुए गंभीर सागर तालाब पर पहुंचेगा।

सवना बावजी में हुआ रात्रि जागरण, कल मेला

भीण्डर उपखण्ड क्षेत्र के सवना गांव स्थित सवना बावजी स्थानक पर शारदीय नवरात्रि पर्व के तहत गुरूवार को रात्रि जागरण का आयोजन हुआ। वहीं 11 अक्टूबर शुक्रवार को भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा।

भीण्डर-बंबोरा मार्ग पर स्थित सवना बावजी स्थानक पर दर्शन करने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु आते है। सवना बावजी की मान्यता है कि जहरीले जानवर के काटने पर सवना बावजी की तांती बांधने से मरीज के फायदा पहुंचता हैं और वो तांती नवरात्रा के समापन पर 11 अक्टूबर दोपहर 12 बजे काटी जायेगी।

इसके बाद हवन-पूजन के साथ पूर्णाहुति होगी और सवना बावजी से सरवर निकलेगा जो जलाशय में ज्वारा विसर्जित कियें जायेंगे। इस दौरान आयोजित मेले में मेवल, मेवाड़, वागड़, छप्पन से सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आयेंगे।

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