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ना नंबर प्लेट, ना इंश्योरेंस, फिर भी धड़ल्ले से दौड़ रही हैं पालिकाओं की फायर ब्रिगेड!

उदयपुर जिले की भीण्डर-कानोड़ पालिका में फायर ब्रिगेड संचालन के नियमों की खुली अवहेलना

Bhinder@VatanjayMedia

राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में उदयपुर जिले के भीण्डर और कानोड़ नगर पालिकाओं को अग्निशमन वाहन (फायर ब्रिगेड) उपलब्ध करवाए गए थे। इनका उद्देश्य नगरपालिका क्षेत्र व आसपास के गांवों में आगजनी की घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण करना था। लेकिन, सात वर्ष बीतने के बाद भी इन वाहनों का न तो पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) हुआ और न ही बीमा (इंश्योरेंस) कराया गया है। फायर ब्रिगेड जैसे अत्यंत आवश्यक और आपातकालीन सेवा देने वाले वाहन बिना वैध दस्तावेजों के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ये न सिर्फ ट्रैफिक व मोटर वाहन नियमों का उल्लंघन है, बल्कि दुर्घटना या क्षति की स्थिति में कानूनी और आर्थिक रूप से गंभीर संकट खड़ा कर सकता है।

बिना रजिस्ट्रेशन और बीमा के दौड़ रही हैं फायर ब्रिगेड

उदयपुर जिले की भीण्डर और कानोड़ पालिकाओं को मिली फायर ब्रिगेड पिछले सात सालों से बिना नंबर प्लेट के संचालित हो रही हैं। मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 39 के अनुसार कोई भी वाहन बिना पंजीकरण के सार्वजनिक सड़कों पर नहीं चल सकता। वहीं धारा 146 के तहत किसी भी वाहन का बीमा अनिवार्य है, खासकर जब वह सार्वजनिक सेवा के लिए प्रयोग में लिया जा रहा हो।

अगर हो जाए हादसा तो कौन जिम्मेदार?

इन फायर ब्रिगेड वाहनों के चालक बिना किसी वैधानिक सुरक्षा के आपात स्थितियों में कार्यरत हैं। किसी दुर्घटना, जान-माल के नुकसान या तीसरे पक्ष को क्षति पहुंचने पर बीमा न होने की स्थिति में न ही नगरपालिका और न ही संबंधित विभाग किसी सहायता के लिए उत्तरदायी होगा। ऐसी स्थिति में पीड़ित पक्ष को कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

फायर ब्रिगेड संचालन के नियम और सावधानियां

राजस्थान अग्निशमन सेवा नियमावली और मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार अग्निशमन वाहनों के लिए प्रत्येक वाहन का परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। थर्ड पार्टी बीमा न्यूनतम आवश्यक है, जिससे किसी दुर्घटना में मुआवजा दिया जा सके। हर सरकारी वाहन को हर वर्ष फिटनेस प्रमाणपत्र लेना जरूरी है। फायर ब्रिगेड संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त चालक की आवश्यकता होती है। वाहन की नियमित जांच और मरम्मत का विवरण होना चाहिए।

सरकारी लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण

भीण्डर व कानोड़ की नगरपालिकाएं जिनकी जिम्मेदारी नागरिकों की सुरक्षा और राहत कार्य सुनिश्चित करना है, वही अपनी लापरवाही से नियमों की अनदेखी कर रही हैं। यह न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है बल्कि आग जैसी आपात स्थिति में संचालन करने वाले कर्मियों और आम जनता दोनों की सुरक्षा को खतरे में डालता है।

पालिकाओं के ईओ का कहना

बिना नंबर और बीमा के वाहन नहीं चल सकता है, ये सभी होंगे, फिर भी मेरे स्तर पर जानकारी करवाता हूं।
-जितेन्द्र मीणा, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका भीण्डर

मेरे जानकारी में नहीं हैं, कल इसकी जांच करवा करके जानकारी करवाता हूं।
-सतीश पाटीदार, कार्यवाहक ईओ नगर पालिका कानोड़

परिहवन अधिकारी का कहना

ऐसा मामला हमारी जानकारी में नहीं है। अगर इस प्रकार से वाहन चल रहे हैं तो जांच करके कार्यवाही करवाते है।
-ज्ञानदेव विश्वकर्मा, जिला परिवहन अधिकारी, उदयपुर

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