भीण्डर हॉस्पिटल में मिशन मधुहारी, मरीजों लिए वरदान
टाइप वन डायबिटीज से ग्रसित मरीजों के लिए विशेष अभियान, प्रत्येक शुक्रवार को लगता हैं क्लिनिक
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर के स्व.गुलाबसिंह शक्तावत जिला अस्पताल में टाइप वन डायबिटीज रोग के लिए विशेष अभियान मिशन मधुहारी चलाकर मरीजों को इलाज व सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
इसके तहत टाइप वन डाइबिटीज से ग्रसित बच्चों से लेकर बुर्जुगों को निशुल्क ग्लूकोमीटर और 100 ग्लूकोस्ट्रिप्स दी जायेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि बच्चों एवं वयस्कों के दैनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान द्वारा टाइप वन डाईबिटीज से ग्रसित बच्चों एवं वयस्कों हेतु मिशन मधुहारी का संचालन किया जा रहा है।
मिशन के अंतर्गत वर्तमान में जिला चिकित्सालय भींडर एवं उप जिला चिकित्सालय मावली को चयनित किया गया है। भीण्डर ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कुलदीप लोहार ने बताया कि इन चयनित चिकित्सा संस्थानों में टाइप वन डाईबीटीज क्लिनिक को स्थापित किया गया है, जिनमें विशेष प्रशिक्षण उपरांत लौटे शिशु रोग विशेषज्ञ एवं जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ को नियुक्त किया गया है।
प्रत्येक शुक्रवार टाइप वन डाईबिटीज क्लिनिक का संचालन
जयपुर से टाइप वन डाईबिटीज पर 2 दिवसीय ट्रेनिंग लेकर लौटे पीएमओ डॉ. राजीव आमेटा व डॉ. आकाश सोनी ने बताया कि क्लिनिक में टाइप वन डाईबिटीज से ग्रसित बच्चों व वयस्कों का रजिस्ट्रेशन कर के नियमित जांच एवं उपचार, स्वास्थ्य शिक्षा, नियमित फॉलोअप, नियमित ब्लड शुगर की जांच हेतु एक ग्लूकोमीटर, प्रतिमाह 100 ग्लूकोस्ट्रिप, बेसल बोलस आधारित इंसुलिन, सीरेंज, दैनिक मोनिटेरींग के लिए बुकलेट निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
टाइप वन डायबिटीज एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है, जिससे लोगों को नियमित रूप से इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती पहचान और निरंतर उपचार से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और सामान्य जीवन जिया जा सकता है। यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्रभावित करती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है।
ADVT
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