Site icon Vatanjay Media

भीण्डर के मिशन मधुहारी क्लिनिक मॉडल को देख विदेशी एक्सपर्ट हुए प्रभावित

स्वतंत्रता सैनानी गुलाबसिंह शक्तावत राजकीय जिला चिकित्सालय में संचालित हैं टाइप वन डायबिटीज के लिए क्लिनिक

Bhinder@Mahendra Singh Rathore

भीण्डर के स्वतंत्रता सैनानी गुलाबसिंह शक्तावत राजकीय जिला चिकित्सालय में संचालित मिशन मधुहारी क्लिनिक का विदेशी एक्सपर्ट ने अवलोकन किया।

गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और प्रबंधन के लिए जिला चिकित्सालय भीण्डर में संचालित मिशन मधुहारी क्लीनिक मॉडल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराहना मिल रही है।

अमेरिका व व लाओस कंबोडिसा से आए वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दल ने भीण्डर पहुंचकर इस मॉडल का गहन निरीक्षण किया और स्थानीय चिकित्सा प्रणाली के नवाचारों की प्रशंसा की।

अमेरिका व कंबोडिया के सदस्यों ने देखी व्यवस्था

विदेशी प्रतिनिधिमंडल में शामिल अमेरिका से एनसीडर की ग्लोबल हेड क्लार्क, लाओस कंबोडिया के नेशनल हेड मिस्टर कुश, राजस्थान हेड ओशिन अजमल और उदयपुर हेड आशुतोष सिंह सेंगर ने प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से संचालित हो रहे मिशन मधुहारी क्लिनिक की कार्यशैली, प्रभावशीलता और समाज में इसकी पहुंच का विस्तार से अध्ययन किया।

निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित रोगियों और उनके परिजनों से सीधा संवाद किया तथा उनके अनुभवों को जाना। साथ ही भीण्डर क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों में इस रोग से लड़ने के जज्बें को सराहा।

उन्होंने मरीजों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने, जीवनशैली सुधारने और नियमित दवा सेवन की प्रेरणा दी। विशेषज्ञों ने क्लीनिक में निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही दवाएं, ग्लूकोमीटर, स्ट्रिप्स, इंसुलिन, और टेस्ट मशीन जैसी सुविधाओं की भी सराहना की। दवाओं के भंडारण कक्ष और उपकरणों की उपलब्धता एवं रख-रखाव को देखकर टीम ने संतोष व्यक्त किया।

भीण्डर की टीम ले रही हैं मरीजों का नियमित फॉलोअप

मिशन के स्थानीय प्रभारी डॉ. राजीव आमेटा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मिशन मधुहारी की शुरुआत, उद्देश्य और अब तक की प्रगति की पूरी जानकारी साझा की।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक आदित्य और डॉ. प्रणव भावसार का सतत मार्गदर्शन मिल रहा है।

क्लिनिक के संचालन में नर्सिंग ऑफिसर कविता जाट, दीप्ति गुर्जर, रुचि गायरी और उपासना लबाना की भूमिका उल्लेखनीय रही है, जो प्रत्येक मरीज का नियमित फॉलोअप लेती हैं।

मरीजों को इंसुलिन इंजेक्शन देना सिखाना, उपकरणों का उपयोग समझाना, और दवाएं समय पर उपलब्ध कराना इनका प्रमुख कार्य है। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि इस मॉडल को अन्य जिलों और राज्यों में भी अपनाया जा सकता है, ताकि गैर संचारी रोगों की रोकथाम के क्षेत्र में भारत एक मजबूत उदाहरण बन सके।

ADVT

Exit mobile version