भीण्डर क्षेत्र के पीपलवास गांव का मामला, एक अध्यापिका के भरोसे स्कूल
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर क्षेत्र की आकोला ग्राम पंचायत के पीपलवास गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय में बुधवार को एकमात्र कार्यरत्त अध्यापिका अवकाश पर जाने से ताला लग गया, बच्चों को स्कूल की फाटक से बिना पढ़े ही घर लौटना पड़ा। इसको लेकर अध्यापिका ने बताया कि वे अपने घर पर मेडिकल इमरजेंसी आने की वजह से एक दिन के अवकाश पर गई थी, गुरूवार सुबह स्कूल लौट जायेगी। लेकिन सवाल ये हैं कि 6 पद स्वीकृत वाले स्कूल को पिछले 4 वर्षों से केवल एक अध्यापिका के भरोसे कैसे छोड़ रखा है। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं तो वहीं भविष्य भी खतरे में है।
पिछले 4 वर्षों से एक अध्यापिका के भरोसे स्कूल
राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय पीपलवास में वर्तमान में एक अध्यापिका मनीषा कार्यरत्त है। ये वर्ष 2010 से लगातार इसी स्कूल में सेवाएं दे रही है। 2021-22 सत्र से यहां से अन्य स्टॉफ का स्थानांतरण होने के बाद से अध्यापिका मनीषा ही पिछले 4 वर्षों से स्कूल संभाल रही है। जबकि एक हेडमास्टर, लेवल द्वितीय के दो व लेवल प्रथम के तीन अध्यापकांे के पद स्वीकृत है। विद्यालय में कक्षा एक से 8 तक कुल 65 बच्चे अध्ययनरत्त है।
विभाग की लापरवाही से खतरे में बच्चों का भविष्य
पिछले 4 वर्षों से केवल एक अध्यापिका के भरोस स्कूल चलाने को लेकर शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही उजागर होती है। जहां संस्कृत शिक्षा के नाम से वैसे भी नाम मात्र के विद्यालय संचालित हो रहे हैं और उनमें भी शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से नहीं हो सकती तो कैसे बच्चों को शिक्षा मिलेगी। पीपलवास गांव के बच्चों का तो शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से भविष्य खतरे में डाला जा रहा है।
अवकाश लेकर गई थी घर – अध्यापिका
मेरे सास बीमार होने की वजह से एक दिन का अवकाश लेकर घर गई थी, इसको लेकर वल्लभनगर संकूल की प्रधानाध्यापिका को प्रार्थना पत्र भी भेज रखा है। अवकाश के दिन व्यवस्था करने की जिम्मेदारी विभाग की है। स्कूल में एकमात्र स्टॉफ होने की वजह से मैं कई दफा जरूरी काम होने के बावजुद भी अवकाश नहीं ले पाती हूं।
-मनीषा, अध्यापिका पीपलवास स्कूल
मांग करने के बाद भी नहीं सुनते अधिकारी – एसएमसी अध्यक्ष
हमारे स्कूल में स्टॉफ नहीं की शिकायत पिछले काफी समय से करते आ रहे हैं और गत 4 अगस्त को विधायक की जनसुनवाई में भी इस समस्या से अवगत करवाया था। लेकिन विभाग के अधिकारी हमारे स्कूल पर ध्यान नहीं देते है। इस वजह से हमारे बच्चों को बिना पढ़े घर लौटना पड़ रहा हैं और भविष्य खराब किया जा रहा है।
-लालूराम रावत, अध्यक्ष विद्यालय विकास समिति पीपलवास
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