3 फरवरी को राजपुरा में लेंगे संयम दीक्षा, ओसवाल समाज में भीण्डर से पहले दीक्षार्थी
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर की सड़कों पर दोनों हाथों से दान लुटाते मुमुक्षु जितेन्द्र खमेसरा को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित था। मुमुक्षु जितेन्द्र खमेसरा ओसवाल समाज मूर्ति पूजन संघ से भीण्डर के पहले संयम दीक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति है।
ये 3 फरवरी को निकटवर्ती राजपुरा गांव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में आचार्य पद्मभूषण रत्नसूरीश्वर महाराज व आचार्य निपुणरत्नसूरीश्वर महाराज के सानिध्य में प्रवज्या ग्रहण करेंगे। इससे पहले गुरूवार को जितेन्द्र खमेसरा का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया।
वर्षीदान वरघोड़ें में अपने हाथों स लुटाया दान
भीण्डर ध्यान डूंगरी से मुमुक्षु जितेन्द्र खमेसरा का वर्षीदान वरघोड़ा रवाना हुआ। जिसमें अश्व, ऊंटगाड़ी चल रही थी इनके पीछे समाजजन एवं भगवान का बेवाण चल रहे थे।
इसके बाद खुली जीप में जितेन्द्र खमेसरा सजधज करके नाचते हुए अपने हाथों से दान लुटाते हुए चल रहे थे। इसके पीछे समाज की महिलाएं भजनों में नृत्य करते हुए चल रही थी।
वरघोड़ा साठड़िया बाजार, रावलीपोल, मोचीवाड़ा, बाहर का शहर, रामपोल बस स्टेण्ड, हॉस्पिटल रोड, सूरजपोल होते हुए पुनः साठड़िया बाजार स्थित चिंतामणी पार्श्वनाथ मन्दिर पहुंचा। इसके बाद घर से जितेन्द्र खमेसरा की विदाई हुई।
28 से 30 जनवरी तक हुए विविध आयोजन
त्रि दिवसीय संयमोत्सव कार्यक्रम 28 जनवरी से शुरू हुआ। जिसमें गुरूभगवंतो का मंगल प्रवेश, शक्रस्तव अभिषेक, कुमारपाल महाराज की आरती कार्यक्रम, गुरू भगवंतो के पगले, प्रवचन, मेहंदी, दीपक आरती आदि कार्यक्रम हुए।
30 जनवरी को ध्यान डूंगरी में प्रवचन, मुमुक्षु बहुमान, संघ स्वामीवात्सल्य, वर्षीदान वरघोड़ा, विदाई एवं आरती के कार्यक्रम हुए।
3 फरवरी को दीक्षा
भीण्डर के निकट राजपुरा गांव में स्थित आदेश्वर मन्दिर में होने वाले 3 फरवरी के कार्यक्रम में आचार्य पद्मभूषण रत्नसूरीश्वर महाराज व आचार्य निपुणरत्नसूरीश्वर महाराज के सानिध्य में मुमुक्षु जितेन्द्र खमेसरा प्रवज्या ग्रहण करेंगे।
इस दौरान हजारों की संख्या में समाजजन उपस्थित रहेंगे। उल्लेखनीय हैं कि जितेन्द्र खमेसरा 33 वर्ष के हैं इससे पहले सूरत में व्यवसाय करते थे।
ADVT
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