सुखाड़िया विवि की अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता का हुआ समापन
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर के द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज में सुखाड़िया विवि की अंतर महाविद्यालय सॉफ्टबॉल छात्र-छात्रा प्रतियोगिता का सोमवार को समापन हुआ। प्रतियोगिता के अंतिम दिन खेले गये छात्र वर्ग फाइनल मुकाबले में मेजबान द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज भीण्डर ने ऑटर््स कॉलेज उदयपुर को 13-3 से हराकर अपना दबदबा कायम रखा।
प्रतियोगिता के दोनों वर्गों में मेजबान द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज की टीम विजेता रही। दोनों टीमों को भीण्डर एज्यूकेशन सोसायटी के संस्थापन व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर व कॉलेज निदेशक दीपेन्द्र कुंवर ने सभी खिलाड़ियों व कॉलेज स्टॉफ को बधाई दी।
प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को बनाया मुख्य अतिथि
प्रतियोगिता के समापन समारोह में अनुठा प्रयोग करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कोमल राणावत को बनाया गया। अध्यक्षता द्रोणाचार्य कॉलेज प्राचार्या डॉ. तरूणा सुथार ने की। विशिष्ट अतिथि विवि चयनकर्ता नरपतसिंह राठौड़, कमलेश शर्मा, डॉ.निरू श्रीमाली आदि थे।
को-ऑडिनेटर चक्रवीरसिंह शक्तावत ने बताया कि अतिथियों ने दोनों वर्ग की विजेता टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कोमल राणावत व छात्र वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कमलेन्द्र सिंह शक्तावत को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में निर्णायक टीम के हरिसिंह राजावत, बलवीर सिंह, जगन्नाथ सिंह, रायसिंह, प्रकाश सुथार, जगत सिंह राठौड़, देवेन्द्र सिंह राठौड़, पुष्पेन्द्र सिंह चुण्डावत, राजेन्द्र सिंह शक्तावत, हेमंत सिंह शक्तावत को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन दक्षा चौबीसा ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के डॉ. कृष्णकांत, कैलाश रेगर, डॉ. जीनत आबेदिन, निशा उपाध्याय, डॉ. नवीन सालवी, राजुवन योगी, नरेन्द्र सिंह शक्तावत, पुष्कर रावत, कैलाश डांगी, प्रेमलता चौबीसा आदि उपस्थित थे।
4 वर्ष बाद मिली फाइनल में सफलता
मेजबान द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज शारीरिक शिक्षक जीतमल लौहार ने बताया कि छात्र वर्ग की टीम पिछले 7 वर्षों से लगातार सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बना रही है। लेकिन 2019-20 में विजेता के बाद पिछले चार वर्षों से लगातार उपविजेता ही रह रही थी।
लेकिन इस वर्ष टीम ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए चार साल के सुखे को खत्म करते हुए विजेता बनने में कामयाब रही। इसमें टीम के प्रत्येक खिलाड़ी, कॉलेज प्रबंधक का भरपूर सहयोग रहा।
ADVT