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चोल के ग्रामीण बोले या तो पंचायत बनाओ या मोतिदा पंचायत में ही रखो

ग्रामीणों ने जिला कलक्टर व उपखण्ड अधिकारी को दर्ज करवाई आपत्ति

Bhinder@VatanjayMedia

सरकार के निर्देशानुसार पंचायतीराज विभाग द्वारा किये जा रहे पंचायत पुर्नगठन में मोतिदा पंचायत के चोल गांव को आकोला पंचायत में नहीं जोड़कर मोतिदा पंचायत में यथावत रखने की मांग की है।

इसके लिए सैकड़ों ग्रामीण भीण्डर उपखण्ड अधिकारी व उदयपुर जिला कलक्टर को आपत्ति दर्ज करवाई। वहीं साथ ही ये भी मांग की हैं कि चोल को अलग से एक पंचायत भी गठित कर सकते है।

ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत मोतीदा के चोल गांव को पुर्नगठन पंचायतों के अधीन आकोला पंचायत में जोड़ने हेतु प्रस्तावति है जो गलत है हम ग्रामवासीयों की आपत्ति है हम ग्रामवासी ग्राम पंचायत मोतीदा में ही रहना चाहते है और मोतीदा पंचायत हमारे गांव के नजदीक में है जबकि आकोला पंचायत 6-7 किमी दुरी पर पड़ता है इस कारण चोल को ग्राम पंचायत मोतीदा में ही यथावत रखा जाएं।

वहीं चोल गांव के पास डांगियों का खेड़ा, महुड़ीखेड़ा, डाबकिया गांव है यहां के लोग काश्तकार होकर बकरिया, मवेशियों व मजदुरी पर निर्भर होकर पहाड़ी क्षेत्र में निवास करते है तथा उक्त सभी गांव पक्की सड़क से जुड़े होकर यहां आंगनवाड़ी केन्द्र, राजकीय विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र भी है और चारों गांवों को मिलाकर एक पंचायत गठित करने का मापदण्ड पूरा होता है इस कारण चोल को पंचायत गठित किया जा सकता है।

चोल के मजदूर, गरीब लोग भीण्डर में मजदुरी करते है एवं ग्राम पंचायत मोतीदा के राशन की दुकान भीण्डर में संचालित होने से ग्रामवासियों को राशन सामग्री भीण्डर से ले लोने में कोई समस्या नहीं है यदि गांव चोल को आकोला में जोड़ा गया तो आकोला पंचायत विपरीत दिशा में होकर राशन के लिये गांव से 10-12 किमी. दुर कानोड़ या आकोला जाना पडेगा जिससे ग्रामवासियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए चोल गांव को या तो मोतिदा पंचायत में यथावत रखा जाएं या फिर नई पंचायत गठित की जाएं, लेकिन आकोला पंचायत में शामिल नहीं किया जाएं।

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