सुबह 6 बजे गरीब किसानों से खुलेआम लूट रहे हैं खाद व्यापारी, सरकार चुप!

सुबह 6 बजे गरीब किसानों से खुलेआम लूट रहे हैं खाद व्यापारी, सरकार चुप!

भीण्डर में खाद की कालाबाजारी, किसानों से वसूले 350 रुपये बैग

266 रुपये के बजाएं 350 में बेचे खाद बैग, विक्रेताओं की मनमानी-कार्यवाही की मांग

Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर कस्बे में खाद की कालाबाजारी से लगातार किसानों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर घूम रहे हैं, किसानों व आमजन ने मांग की हैं कि खाद बैग की अवैध वसुली करने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निलंबित किये जायें अन्यथा किसान आन्दोलन करेंगे। वहीं कई किसानों को बिना खाद मिले घर लौटना पड़ा। भीण्डर क्षेत्र में लगातार खाद की कमी से उसकी कालाबाजारी बड़ा दी है।

सुबह-सुबह लगी लाइनें, खाद के लिए हुई धक्का-मुक्की

रविवार सुबह 6 बजे भीण्डर के भैरव स्कूल के सामने स्थित खाद विक्रेता की दूकान पर पहुंचे तो यहां का नजारा देखने जैसा था। ऐसा ही नजारा प्रभात नगर स्थित खाद की दूकान पर भी था। यहां जैसे ही खाद का ट्रक पहुंचा, विक्रेताओं के पास किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

दुकानदारों ने एक तरफ तो लाइन में लगवाया, वहीं दूसरी ओर स्टॉक सीमित दिखा कर ज्यादा दाम पर खाद बेचना शुरू कर दिया। इस दौरान दूकानदारों ने किसानों को 350-350 रूपये में खाद के बैग विक्रय किये। वहीं किसानों को मांगने के बावजुद भी दूकानदारों ने कोई पर्ची व बिल नहीं दिया।

इस संबंध में किसानों ने संबंधित विभाग से मांग की है कि खाद विक्रेताओं की जांच कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो किसानों की परेशानी और बढ़ेगी, साथ ही खेती पर सीधा असर पड़ेगा। इस दौरान खाद लेने के लिए किसान आपसे में भी उलझते हुए दिखें। वहीं कहीं किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

किसानों की मांग – कालाबाजारी वालों पर तुंरत हो कार्यवाही

किसानों ने मांग की हैं कि खाद विक्रेताओं की नियमित निगरानी की जाएं, तय दर पर खाद वितरण की व्यवस्था के लिए विभाग के अधिकारी-कर्मचारी समय-समय पर दुकानों का निरीक्षण करें, कालाबाजारी में लिप्त विक्रेताओं पर तुंरत कार्रवाई की जाएं, खाद लेने के दौरान भीड़ से होने वाली अव्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की जाएं, बिल और पर्ची बनाकर किसानों को दी जाएं। कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि विक्रेताओं ने जान-पहचान वालों को छुपकर बैग दिए, जबकि आम किसान कतार में घंटों खड़े रहे।

किसानों का फूटा गुस्सा

खेती के इस मौसम में समय पर खाद की आवश्यकता होती है। ऐसे में कालाबाजारी से उन्हें आर्थिक और मानसिक दोनों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय किसान रमेश कुमार ने बताया कि सरकारी दर तय है, लेकिन दुकानदार अपनी मर्जी से रेट लगा रहे हैं। यह सरासर शोषण है। ऐसे दोषी दुकानदारों के लाइसेंस तुरंत रद्द होने चाहिए।

इनका कहना

खाद बैग ज्यादा कीमत पर बेचने की शिकायत मिली हैं, इसके लिए दूकानदारों को पाबंध किया जायेगा। वहीं अगर कोई दूकानदार खाद के साथ अन्य कोई सामग्री लेने के लिए जबदस्ती कर रहा हैं तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही कर रहे है। अगर फिर भी ज्यादा कीमत पर बेचते हुए कोई दुकानदार मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे।
– प्रमोद शाकद्विपी, कृषि अधिकारी भीण्डर

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