बच्चों को मोबाइल रील नहीं, राम-कृष्ण के संस्कारों की दो सीख – देवी महेश्वरी

बच्चों को मोबाइल रील नहीं, राम-कृष्ण के संस्कारों की दो सीख - देवी महेश्वरी

बड़वाई के चक्रभवानी मंदिर पाटोत्सव पर भागवत कथा का आयोजन

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Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर के निकट बड़वाई गांव स्थित चक्रभवानी मंदिर स्वर्ण कलश आरोहण के 11वें पाटोत्सव पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान साध्वी देवी महेश्वरी श्रीजी ने कहा कि बच्चों को भगवान श्री राम भगवान श्री कृष्ण के संस्कार सिखाओ इस उम्र में बच्चों की जिंदगी को एंड्रॉयड मोबाइल के हवाले मत करो।

आप जैसा बीज डालेंगे वैसी ही फसल लेंगे, इन बच्चों में जैसे संस्कार आप डालेंगे वही संस्कार इन बच्चों के भविष्य को संवार सकेंगे। देवी महेश्वरी ने कहा कि इस पाश्चात्य संस्कृति के दौर में अपने बच्चों को उस तरफ मत धकेलो जो आपके बुढ़ापे का सहारा भी ना बन सके, आप यदि चाहते हैं कि आपके बच्चे संस्कारवान हो तो उन्हें भगवान एवं महापुरुषों के संस्कारों की ओर अग्रसर करो।

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आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान देवी महेश्वरी ने उत्तानपाद, धुव्र की कथा का वर्णन किया, ध्रुव द्वारा भगवान की स्तुति, ध्रुव जी को भगवान द्वारा स्नेह का चित्रण। कथा विश्राम के दौरान देवी माहेश्वरी ने मां सती की कथा सुनाते हुए दक्ष प्रजापति के सामने सती द्वारा पुष्प चुनने की आज्ञा का वृतांत, वीरभद्र द्वारा दक्ष प्रजापति का शीश काटने का प्रसंग सहित कथा का वर्णन किया।

कथा के दौरान भजन सांवरा मेरा सांवरा… लूट कर ले गया दिल जिगर.. सांवरा जादूगर.. सहित कहीं भजनों पर श्रद्धालु झूमते दिखे। श्री चक्र भवानी मंदिर मंडल अध्यक्ष पूरणमल अहिर ने सभी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी इस उत्सव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करें एवं साथ ही सभी व्यवस्थाओं में सहयोग करते हुए प्रतिदिन आयोजित होने वाली महाप्रसादी भी ग्रहण करें। आयोजन के दौरान गांव सहित आसपास क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है।

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