भीण्डर तहसीलदार बनी फुटबॉल – अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगना पड़ा मंहगा!

भीण्डर तहसीलदार बनी फुटबॉल - अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगना पड़ा मंहगा!

पालिका ईओ का चार्ज लेने के बाद पुनः हटाया, ऐसा तीसरी बार

Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर नगर पालिका के ईओ का चार्ज भीण्डर तहसीलदार के लिए कांटो का ताज बन गया है। तहसीलदार को मानो फुटबॉल की तरह एक बार चार्ज देते हैं फिर से ले लेते हैं ऐसा तीसरी बार हो गया है। तहसीलदार को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला चौबीसा ने बुधवार को उदयपुर जिला कलक्टर से मुलाकात करके पूर्व के स्थगन आदेश का हवाला देकर हटाने की मांग की, जिस पर उदयपुर जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने भीण्डर तहसीलदार सुनीता सांखला से चार्ज लेकर भीण्डर उपखण्ड अधिकारी पर्वतसिंह चुण्डावत को सौंप दिया।

चार्ज देकर पुनः लेने की तीसरी घटना

भीण्डर नगर पालिका में जनता सेना का बोर्ड होकर अध्यक्ष निर्मला चौबीसा काबिज है। वहीं प्रदेश सरकार व वल्लभनगर की विधायक कांग्रेस की होने से तालमेल नहीं बन रहा था। इसको लेकर पिछले काफी समय से ईओ की कुर्सी खाली हैं और बार-बार अन्य अधिकारियों को चार्ज दिलाया जाता रहा है। इसी क्रम में नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला चौबीसा द्वारा इसको लेकर स्थगन आदेश भी ला रखा है। इसके तहत ही दो बार पहले भी भीण्डर तहसीलदार सुनीता संाखला को चार्ज देने के बाद पुनः ले लिया गया था। इस बार भी 6 अक्टूबर को उदयपुर जिला कलक्टर द्वारा भीण्डर तहसीलदार सुनीता सांखला को भीण्डर नगर पालिका ईओ अतिरिक्त चार्ज सौंपा था। जिसके चलते सांखला ने 9 अक्टूबर को चार्ज लिया था। लेकिन बुधवार को पालिकाध्यक्ष द्वारा उदयपुर जिला कलक्टर को स्थगन आदेश से अवगत करवा करके पुनः चार्ज बदल करके भीण्डर उपखण्ड अधिकारी के नाम का आदेश जारी करवा दिया।

अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगना पड़ा मंहगा

भीण्डर नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला चौबीसा को 26 सितम्बर 2023 को स्वायत्त शासन विभाग ने निलम्बित कर दिया था। जिस पर 6 अक्टूबर को निर्मला चौबीसा जोधपुर हाईकोर्ट से स्थगन आदेश लेकर आ गई थी। चौबीसा 9 अक्टूबर को भीण्डर नगर पालिका में पदभार ग्रहण किया था। जिस पर ईओ का अतिरिक्त चार्ज देख रही भीण्डर तहसीलदार सुनीता सांखला ने एक स्पष्टीकरण पत्र अध्यक्ष को भेजा। जिसमें लिखा कि स्वायत्त शासन विभाग के स्थगन आदेश में निर्मला भोजावत को अध्यक्ष पद से निलिम्बित किया। वहीं जोधपुर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश में निर्मला चौबीसा के नाम से प्रस्तुत है। इसलिए आदेश व स्टे की प्रति पढ़ने में ज्ञात हुआ कि दोनों व्यक्ति अलग-अलग है। इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।

तो क्या तहसीलदार, अध्यक्ष को नहीं पहचान सकी

भीण्डर नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला चौबीसा के नाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगना तहसीलदार सुनीता सांखला के लिए मंहगा साबित पड़ा। उल्लेखनीय हैं कि भीण्डर नगर पालिका अध्यक्ष का आधार कार्ड में नाम निर्मला चौबीसा हैं और मतदाता पहचान पत्र में निर्मला देवी है। जब 7 फरवरी 2021 को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई तब निर्वाचन विभाग द्वारा निर्मला देवी के नाम से प्रमाण पत्र दिया गया था। वहीं अध्यक्ष को आमजन में निर्मला भोजावत के नाम से पहचान है। स्वायत्त शासन विभाग ने भी निलम्बन आदेश में निर्मला भोजावत नाम लिखकर भेजा, जबकि पत्रावलियों में निर्मला देवी नाम दर्ज है। वहीं जोधपुर उच्च न्यायालय में आधार कार्ड के अनुसार निर्मला चौबीसा नाम लिखा गया था। लेकिन पदभार के दौरान भीण्डर तहसीलदार सुनीता सांखला ने पहचान से इंकार करके स्पष्टीकरण पत्र जारी कर दिया, जो अध्यक्ष निर्मला चौबीसा को नागवार गुजरा और सांखला को पुनः पद से हटवा दिया।

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