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जलझूलनी एकादशी – गुलाल से सराबोर होकर सरोवर पर पहुंचे ठाकुरजी

भीण्डर में जलझूलनी एकादशी पर विभिन्न मन्दिरों से निकली रामरेवाणियां

Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर नगर एवं आसपास क्षेत्र में शनिवार को जलझूलनी एकादशी पर विभिन्न मन्दिरों के ठाकुरजी बेवाण में बिराजित होकर शोभायात्रा के रुप में दवेला तालाब पर पहुंचे। वहां पर ठाकुर जी को स्नान व पूजा-अर्चना कर शोभायात्रा के रुप में पुनः मन्दिर पहुंचे।

वहीं भीण्डर के आराध्यदेव प्रसिद्ध नृसिंह भगवान का रथ भव्य शोभायात्रा के साथ शाम 5 बजे रवाना हुआ। जिसमें ठाकुरजी गुलाल से सराबोर होकर सरोवर तक पहुंचे।

नृसिंह भगवान की रामरेवाणी में उड़ी जमकर गुलाल

नृसिंह भगवान को चांदी के बेवाण में शेषनाग सिंहासन में बिराज करके मन्दिर से भव्य शोभायात्रा के रुप में रवाना हुए। वहां से ही श्रद्धालु अबीर-गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा सर्राफा बाजार, रावलीपोल चौक, सदर बाजार, मोचीवाड़ा, बाहर का शहर, रामपोल बस स्टेण्ड, दवेला घाटी रोड होते हुए दवेला तालाब पर पहुंचे।

शोभायात्रा के दौरान बैण्डबाजों की धून पर श्रद्धालु नाचते-गाते अबीर गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। वहीं युवतियां व महिलाएं थिरकती हुई चल रही थी। नृसिंह भगवान के बेवाण पर ठाकुरजी को दोनों और चंवर ढूलायें जा रहे थे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं साथ चल रही थी।

नृसिंह भगवान के बेवाण में उड़ी अबीर गुलाल से नगर के प्रमुख बाजार गुलाबीमय हो गए। इस दौरान शोभायात्रा को श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वागत किया। दवेला तालाब पर ठाकुर जी को नवीन जल से स्नान करवा करके पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद भी वितरित किया गया।

कालिका माता के सांवरिया मन्दिर सहित निकली विभिन्न रामरेवाणियां

भीण्डर के प्रसिद्ध कालिका माता मन्दिर स्थित भगवान सांवरिया सेठ की रामरेवाणी निकली। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे।

इसके अलावा नगर में चारभुजा मन्दिर, श्रीधर मन्दिर, सुथारों के मन्दिर, प्रजापत समाज के लक्ष्मी नृसिंह मन्दिर, दर्जी समाज के द्वारिकाधीश मन्दिर, वेद समाज बाईजीराज मन्दिर, रघुनाथ द्वारा मन्दिर, रामदेव मन्दिर, राजपुत समाज का मुरलीधर मन्दिर, लोहार समाज, सुथार समाज, रेगर समाज, मेघवाल समाज के रामदेव मन्दिर सहित नगर के विभिन्न मन्दिरों से बेवाण में ठाकुर जी बिराज करके शोभायात्रा के रुप में दवेला तालाब पर पहुंचे।

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