अध्यक्ष पद से निलम्बन के बाद पूर्व पालिकाध्यक्ष ने की ये मांग…..

अध्यक्ष पद से निलम्बन के बाद पूर्व पालिकाध्यक्ष ने की ये मांग.....

केवल जनप्रतिनिधि ही क्यों, ईओ और कर्मचारियों पर भी हो कार्यवाही – पूर्व पालिकाध्यक्ष

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भीण्डर पालिका अध्यक्ष निलम्बन मामला – पूर्व पालिकाध्यक्ष भोई ने लिखा निदेशक को पत्र

Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला भोजावत को स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निलम्बन करने के मामले में बुधवार को जनता सेना के पूर्व पालिकाध्यक्ष व पार्षद गोवर्द्धनलाल भोई ने विभाग के निदेशक को पत्र लिखा। जिसमें मांग कि विभाग द्वारा केवल जनप्रतिनिधियों पर कार्यवाही ही की जाती हैं संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है। जबकि ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों को तुरन्त बर्खास्त करना चाहिए।

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उल्लेखनीय हैं कि 26 सितम्बर 2023 को डीएलबी पत्र क्रंमाक 2390 के माध्यम से भीण्डर नगर पालिका अध्यक्ष निर्मला भोजावत को अध्यक्ष व सदस्य पद से निलम्बित करने का आदेश जारी किया गया। इसी तरह डीएलबी पत्र क्रंमाक 465 से संविदा कार्मिक कनिष्ठ अभियंता नरेन्द्र सिंह शक्तावत की भी सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया।

आदेश में नगर पालिका भीण्डर द्वारा धारता ग्राम पंचायत एवं चारगदिया ग्राम पंचायत द्वारा अपास्त किये गये अवैध एवं शून्य पट्टों को अध्यक्षा द्वारा अधिकारियों एवं भू-माफियों द्वारा सांठगांठ कर बेशकीमती जमीन के पट्टे जारी करने का कारण बताकर ये कार्यवाही की गई थी।

सरकार केवल विपक्षी जनप्रतिनिधियों को करती हैं निलम्बित

भीण्डर पालिका के पूर्व पालिकाध्यक्ष व पार्षद गोवर्द्धनलाल भोई ने पत्र में बताया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पिछले दो वर्ष से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत कई रियायतें देकर अधिकारियों को खुली छूट दे रखी हैं कि जमीनों के पट्टें बांटो। जिसका ही नतीजा हैं कि ये अधिकारियों ने मिलीभगत करके इस प्रकार के पट्टें बांटें है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं करके केवल विपक्षी दल का बोर्ड होने की वजह से अध्यक्ष पर तुरन्त प्रभाव से कार्यवाही की गई।

पहले भी कांग्रेस सरकार ने गोवर्द्धनलाल भोई और साथी पार्षद उपाध्यक्ष मगनीराम रेगर को दो बार सदस्य पद से निलम्बित किया था। जिस पर उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार के तानाशाही आदेशों पर स्थगन आदेश देकर पद की रक्षा की थी। प्रकरण में भी विभाग सही ढंग से जांच की होती तो जारी किये गये पट्टों पर सरकार द्वारा नियुक्त किये गये अधिशाषी अधिकारी, भूमि शाखा प्रभारी सहित इस अभियान के जिम्मेदार समस्त अधिकारी व कर्मचारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए थी।

लेकिन विभाग ने केवल कांग्रेस सरकार के इशारे पर विपक्षी दल का अध्यक्ष होने से निलम्बन की कार्यवाही की। वहीं कर्मचारी के रूप में केवल एक संविदाकर्मी की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया। जबकि विभाग को सर्वप्रथम अपने अधिशाषी अधिकारी सहित जिम्मेदार समस्त कर्मचारियों को बर्खास्त करना चाहिए तभी इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो सकेेगी और सच्चाई सामने आयेगी।

जनता सेना के पार्षद को मिले जिम्मेदारी

वहीं भोई ने पत्र में विभाग से मांग की हैं कि भीण्डर नगर पालिका में कुल 25 पार्षदों में जनता सेना के अब 12 पार्षद हैं और अन्य दलों से ज्यादा है। इसलिए जनता सेना के पास ही बहुमत है। जांच होने तक बहुमत जनता सेना का होने से अध्यक्ष का चार्ज उपाध्यक्ष मगनीराम रेगर या जनता सेना के किसी भी महिला पार्षद को दिया जाएं।

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