1984 में राठौड़ नहीं लाते स्थगन तो आज नहीं होती मावली-बड़ीसादड़ी रेललाइन

1984 में राठौड़ नहीं लाते स्थगन तो आज नहीं होती मावली-बड़ीसादड़ी रेललाइन

71 वर्ष तक मावली-बड़ीसादड़ी रेललाइन रही मीटरगेज, 6 वर्ष में तैयार हुई ब्रॉडगेज लाइन

https://www.cpmrevenuegate.com/n5cactin?key=c5dcb96bb0eeca1530f1ec59873b0c1b

1984 के संघर्ष ने बचाई थी रेललाइन, आज से ब्रॉडगेज पर शुरू होगा नया सफर

संघर्ष समितियों ने आन्दोलन ने कायम रखी थी ट्रेन – रेललाइन रोकने के लिए भीण्डर के रघुनाथ सिंह राठौड़ लाएं थे स्थगन आदेश

Bhinder@Mahendra Singh Rathore

रियासत काल में वर्ष 1945 में मीटरगेज लाइन पर शुरू हुई मावली-बड़ीसादड़ी ट्रेन का सफर 31 अक्टूबर 2016 को थम था और करीब 6 वर्ष निर्माण कार्य के बाद तैयार हुए ब्रॉडगेज लाइन पर 31 जुलाई 2022 से इस ट्रेन का नया सफर शुरू होगा। लेकिन इस सफर में एक समय वर्ष 1984 ऐसा भी आया कि जब रेलवे विभाग घाटे की रेल लाइन बताकर हटाने की तैयारी कर दी थी, लेकिन उस समय भीण्डर के रघुनाथ सिंह राठौड़ व बड़ीसादड़ी के शांतिलाल मेहता स्थगन आदेश लाकर इस रेल लाइन को बचाया था। जिसके बाद संघर्ष समितियों के माध्यम से लगातार संघर्ष जारी रहा और पुन: रेल संचालित हुई और वर्ष 2016 तक लगातार संचालित होती रही। हालांकि स्थगन आदेश लाने वाले रघुनाथसिंह राठौड़ का वर्ष 2011 में निधन हो गया, लेकिन उन्होंने जो सपना देखकर रेल लाइन हटने से बचाई थी वो आज साकार होता दिख रहा है।

https://www.cpmrevenuegate.com/n5cactin?key=c5dcb96bb0eeca1530f1ec59873b0c1b

रियायत काल से 21 वीं सदी का सफर

पश्चिमी रेलवे अजमेर बोर्ड में वर्ष 1985-87 में सदस्य रहे पूर्व प्रधान करण सिंह कोठारी ने बताया कि मेवाड़ रियासत द्वारा वर्ष 1944 में मावली से नीमच तक रेल मार्ग से जोड़ने की योजना के साथ काम शुरु हुआ। इसके पहले चरण में मावली से खेरोदा, दूसरे चरण में भीण्डर-कानोड़ व तीसरे चरण में बड़ीसादड़ी तक रेललाइन बिछाई गई। जिसके बाद 1945 से इस लाइन पर रेल शुरु हुई। हालांकि इस रेललाइन को नीमच तक जोड़ना था, लेकिन आजादी के बाद रियासत काल समाप्त होने से नीमच तक जोड़ने की योजना प्रभावी नहीं हो सकी।

 

घाटे की रेल बता, उखड़ने वाली थी लाइन

वर्ष 1984 में रेलवे ने आर्थिक स्थिति से कमजोर रेल मार्ग बताते हुए इसको बंद करने के आदेश जारी कर दिए। जिस पर बड़ीसादड़ी के वकील शांतिलाल मेहता स्थगन आदेश लेकर आएं लेकिन वो आदेश खारिज हो गया। जिस पर विभाग रेललाइन हटाने की शुरूआत करने वाला ही था कि भीण्डर निवासी तत्कालीन विकास अधिकारी रघुनाथ सिंह राठौड़ ने कानोड़ न्यायालय से स्थगन आदेश लाकर बंद होने वाली रेल को पुन: शुरू करवाया। इसके बाद संघर्ष समितियां बनी और इस रेल लाइन को बचाने व नीमच तक जोड़ने के लिए कई आन्दोलन करते रहे। जिससे ये रेल लगातार जारी रही। वर्ष 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार में मावली-बड़ीसादड़ी मीटरगेट से ब्रोडगेज लाइन करने की घोषणा हुई। जिस पर तत्कालीन चित्तौड़गढ़ सांसद व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने मावली में शिलान्यास किया था। इसके बाद सरकार बदलने के बाद एनडीए सरकार में वर्तमान चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी ने बजट में बढ़ोतरी करके वित्तीय स्वीकृति जारी करवाई और इस रेल लाइन को ब्रॉडगेज में बदलवाया।

ठिकानों को जोड़ने के लिए बनी थी रेल लाइन

मेवाड़ रियासत द्वारा भीण्डर, कानोड़, बांसी, बोहेड़ा, बड़ीसादड़ी ठिकानों को जोड़ने के लिए रेल लाइन बिछाई थी। मेवाड़ रियासत का उद्देश्य मेवाड़ को मालवा से जोड़ने का था लेकिन आजादी तक केवल बड़ीसादड़ी तक ही पहुंच सकी। उसके बाद सरकारों ने इस और ध्यान नहीं दिया और लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार में सांसद सीपी जोशी के प्रयास से नीमच तक लाइन स्वीकृत करवाने के प्रयास में लगे रहे, जिससे वर्तमान में रेल लाइन बनाने के लिए जमीन अवाप्ति का काम शुरू हो चूका है।

 

ADVT

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.