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भीण्डर में पहली बार फाल्गुनी बीज पर होगा राल महोत्सव

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भीण्डर राजमहल के श्री गोवर्द्धननाथ जी मन्दिर में होगा आयोजन

Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर राजमहल में स्थित प्रसिद्ध श्री गोवर्द्धननाथ जी मन्दिर में पहली बार फाल्गुनी बीज के अवसर पर 12 मार्च मंगलवार को राल महोत्सव का आयोजन होगा। राजमहल के मन्दिर परिसर में मंगलवार शाम 7 बजे से आयोजित होने वाले राल महोत्सव में भीण्डर सहित आसपास से सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेंगे।

श्री गोवर्द्धननाथ जी मन्दिर के पूजारी माधवलाल मंदावत ने बताया कि मन्दिर में पहली बार राल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव को मनाने के पीछे मान्यता ये हैं कि द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने दावानल से पशु-पक्षियों और बृजवासियों को बचाने के लिए दावानल का पान किया था। वहीं ऐसा महोत्सव राजसमंद के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मन्दिर में पिछले कई वर्षों से मनाया जाता आ रहा है।

राल महोत्सव से श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को मिलता हैं फायदा

राल महोत्सव में संध्या आरती के बाद ठाकुरजी को फाग खेलाया जायेगा, इसके बाद रसिया गीत के साथ राल पूजन व गोवर्द्धन चौक में अग्नि की मशाल पर राल डालकर अग्नि के गुबार उठाने की परंपरा निभाई जायेगी। वातावरण में अग्नि गुबार से फैले धुंए से श्रद्धालुओं व आसपास क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचेगा।

मशाल में विभिन्न प्रकार की औषधी मिलाई जाने से राल के डालने के बाद उठने वाला धूूंआ शरीर के अंदर प्रवेश करके मानव शरीर में सर्दी के मौसम में फैले बैक्टिरियां खत्म करता है। जिससे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस पंरपरा से रोमांच के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए हितकारी होता है।

पहली बार आयोजित किये जा रहे राल महोत्सव के लिए नाथद्वारा से त्रिआगम आचार्य पण्डित विकास आमेटा के सानिध्य में ये महोत्सव आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में भीण्डर राज परिवार के सदस्य सहित मन्दिर के पण्डित गोपाल, बसंतीलाल, यश, दिक्षांत, यग्येश आदि पूजारी उपस्थित रहेंगे।

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