Site icon Vatanjay Media

भीण्डर में 7 जुलाई को निकलेगी श्रीधर भगवान की रथयात्रा

रथयात्रा की तैयारियां जारी, जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा की तर्ज पर होता हैं आयोजन

Bhinder@VatanjayMedia

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के तर्ज पर भीण्डर के प्रसिद्ध श्रीधर भगवान की रथयात्रा 7 जुलाई को धूमधाम से निकाली जाएगी। श्रीधर मंदिर से ठाकुर जी सुनहरे रथ में बिराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे जिसको भक्त अपने हाथों से खीचेंगे। इसके लिए श्रीधर मंदिर सेवा प्रन्यास द्वारा तैयारियां शुरू की दी गई है। आयोजन के लिए मंदिर पर भव्य विद्युत एवं पुष्प सज्जा की जाएगी। इस बार रथयात्रा में भगवान श्रीनाथजी की झांकी के अलावा अन्य आकर्षक झांकिया शामिल होगी एवं अखाड़ा प्रदर्शन भी किया जाएगा। भीण्डर में 2019 से लगातार रथयात्रा निकाली जा रही हैं, जिसमें 2 वर्ष कोरोना के कारण रथयात्रा का आयोजन नहीं हो सका था।

5 जुलाई से शुरू हो जायेंगे कार्यक्रम

श्रीधर भगवान रथयात्रा कार्यक्रम का आयोजन 5 जुलाई से शुरू हो जायेगा। 5 जुलाई को महिला सत्संग, 6 जुलाई सुबह पंडितो द्वारा भगवान का अभिषेक एवं सांयकाल 8 बजे से संगीतमय सुंदरकांड पाठ एवं 7 जुलाई को दोपहर 2 बजे से विशाल रथयात्रा का आयोजन होगा। रथयात्रा रावलीपोल स्थित श्रीधर भगवान मन्दिर से रवाना होगी। यहां से सर्राफा बाजार, मोचीवाड़ा, बाहर का शहर, रामपोल बस स्टेण्ड, हॉस्पिटल रोड, धारता रोड, सूरजपोल, नृसिंह भगवान मन्दिर, सदर बाजार होते हुए पुन: श्रीधर मन्दिर पहुंचेगी। मार्ग में नगरवासियों द्वारा ठाकुर जी का स्वागत-सत्कार किया जाएगा। यहां पर भव्य आरती की जायेगी।

उदयपुर के जगदीश मंदिर का रूप हैं श्रीधर मंदिर

लगभग 400 वर्ष पूर्व उदयपुर के महाराणा जगत सिंह के समय प्रसिद्ध जगदीश मंदिर का निर्माण का निर्माण किया गया। जिससे प्रभावित होकर भींडर राजपरिवार द्वारा भींडर में भी हूबहू मंदिर का निर्माण करवाया गया। लेकिन उदयपुर महाराणा के दखल के बाद मंदिर का नाम श्रीधर मंदिर व काले पत्थर की मूर्ति को जगदीश मंदिर की मूर्ति से थोड़ा छोटा बनाया गया। मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि मंदिर के नाम लगभग 62 बीघा जमीन खातेदारी है। जिसका मूल्य करोड़ो में है। अभी मंदिर देवस्थान विभाग के अंतर्गत है। जिसका रखरखाव 1967 से संचालित श्री श्रीधर मन्दिर सेवा प्रन्यास द्वारा किया जा रहा है।

ADVT

Exit mobile version