सब्जी में गिरा बरसाती कीड़ा तो बच्चों ने नहीं खाया खाना, शिकायत पर एसडीएम ने किया निरीक्षण
भीण्डर के राणा पूंजा राजकीय जनजाति आश्रम छात्रावास भरड़िया का मामला
Bhinder@VatanjayMedia
भीण्डर के निकट राणा पूंजा राजकीय जनजाति आश्रम छात्रावास में सोमवार को सब्जी में बरसाती कीड़ा गिरने पर बच्चों ने खाना नहीं खाया और शिकायत लेकर भीण्डर उपखण्ड अधिकारी के पास पहुंचे तो उपखण्ड अधिकारी तुरंत छात्रावास पहुंच करके निरीक्षण किया। जहां बच्चों को प्रतिदिन कच्ची रोटियां, पानी मिला दूध, एक चम्मच पोहे जैसी खाने की वस्तुएं मिलने जैसी समस्याएं उजागर हुई। उपखण्ड अधिकारी ने रसोईघर, शाम का बना भोजन सहित छात्रावास का निरीक्षण किया, वहीं वार्डन को 7 दिन का समय दिया कि व्यवस्थाएं सुधार दे नहीं तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
सब्जी में कीड़ा गिरने के बाद बच्चों ने की शिकायत
भरड़िया छात्रावास में सोमवार दोपहर के खाने में बनी सब्जी में एक बरसाती कीड़ा निकलने पर बच्चों ने खाना छोड़ दिया था। इसके बाद 10-15 बच्चें शाम 4.30 बजे भीण्डर पुलिस थाने पहुंच गये, लेकिन यहां से फिर भीण्डर उपखण्ड अधिकारी को अवगत करवाया। जिस पर भीण्डर उपखण्ड अधिकारी रमेश चन्द्र बहेड़िया छात्रावास का निरीक्षण करने के लिए पहंुचे। वहां बच्चों ने बताया कि सब्जी में कीड़ा होने से खाना नहीं खाया, इसके बाद उपखण्ड अधिकारी ने रसोइघर, शाम के बने हुए भोजन का निरीक्षण किया।
कच्ची रोटियां देखकर गुस्सा हुए एसडीएम
शाम के खाने की जब रोटियां एमडीएम रमेश चंद्र बहेड़िया ने देखी तो उनको देखकर ही एसडीएम आग बबूला हो गये, कि सरकार आपको बच्चों को ऐसा खाना खिलाने के लिए जिम्मेदारी नहीं दे रखी है। निरीक्षण के दौरान कई रोटियां जली हुई तो आधी से ज्यादा रोटियां कच्ची थी। इसके अलावा बच्चों से प्रतिदिन मिलने वाले खाने के बारे में जानकारी ली तो बच्चों ने बताया कि जो बनता हैं वो खा लेते है। इस पर उपखण्ड अधिकारी ने सप्ताह के खाने का चार्ट कहां तो वार्डन ऑफिस से चार्ट लेकर पहुंचा। इस पर चार्ट बाहर लगाने के निर्देश दिये। इस दौरान दूध के बारे में पुछा तो बच्चों ने बताया दूध से ज्यादा पानी होता हैं और सुबह रोजाना नाश्ते में पोहे मिलते हैं वो भी केवल एक चम्मच। वहीं फल में मिलने वाले केले भी सड़े हुए होते है।
सात दिन में व्यवस्था सुधारने के दिये निर्देश
भीण्डर उपखण्ड अधिकारी रमेश चंद्र बहेड़िया ने वार्डन सोहन लाल मीणा को 7 दिन में व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिये और 7 दिन बाद पुनः निरीक्षण करने की बात भी कहीं। इस दौरान बच्चों द्वारा बताई समस्याएं हल नहीं हुई तो कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी। वहीं भोजन बनाने वालों को अच्छा भोजन बनाने और उसको सुरक्षित बच्चों तक परोसने के निर्देश दिये।
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