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औसत की आधी से ज्यादा बारिश होने के बाद भी खाली पड़ा हैं झडू बांध

भीण्डर का प्रमुख पेयजल स्त्रोत हैं झडू बांध, अगस्त माह की बारिश से उम्मीद

Bhinder@VatanjayMedia

मानसून का एक माह गुजर जाने के बाद भीण्डर क्षेत्र की औसत बारिश में से आधी से ज्यादा बारिश होने के बावजूद प्रमुख जलस्त्रोत झडू बांध अभी तक खाली पड़ा हुआ है। जबकि इसके भरने से ही भीण्डर में वर्षभर की जलापूर्ति हो सकती है। लेकिन पिछले वर्ष भी ओवरफ्लो नहीं होने के कारण मार्च माह के बाद पेयजल सप्लाई की उपलब्धता खत्म हो गई थी। इस बार तो अभी तक पूरे बांध का जमीनी स्तर भी सुखा पड़ा हुआ है। अब सभी को अगस्त माह की बारिश से ही उम्मीद है।

भीण्डर की 600 मिमी औसत बारिश, अभी तक 342 मिमी बारिश दर्ज

भीण्डर क्षेत्र में औसतन 600 मिमी वर्षा प्रतिवर्ष होती हैं, इसके मुकाबले 31 जुलाई तक 342 मिमी वर्षा हुई है। पिछले वर्ष औसत से 135 मिमी बारिश कम हुई थी। जिसके चलते भीण्डर क्षेत्र के जलाशय खाली रह गये थे। इस वजह से ही प्रमुख जलस्त्रोत झडू बांध भी 2023 में ओवरफ्लो नहीं हुआ था। इस बार भी भीण्डर क्षेत्र औसत से ज्यादा बारिश होने पर ही झडूबांध ओवरफ्लो हो सकता है।

पहाड़ों के बीच बना हुआ हैं झडू बांध

भीण्डर से महज 5 किमी दूर स्थित झडू बांध पहाड़ियों के बीच निर्मित कर रखा है। 26 एमसीएफटी पानी की भराव क्षमता वाले झडू बांध के चारों तरफ पहाड़ियां स्थित है। वर्षभर होने वाली पेयजल सप्लाई का करीब 70 प्रतिशत पानी इस बांध से ही लिया जाता है। झडू बांध पिछले वर्ष को छोड़कर पिछले 12 वर्षों से लगातार छलकता आ रहा है। इस बार भी अगस्त माह की बारिश से उम्मीद हैं कि बांध में पानी आ जाएं और छलक जाएं ताकि वर्षभर तक भीण्डर क्षेत्र में पेयजल के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़े।

इनका कहना

पिछले 15 वर्ष के बारिश के आंकड़ों के अनुसार भीण्डर में औसत 600 मिमी बारिश होती है। पिछले वर्ष औसत से 135 मिमी वर्षा कम हुई थी, इस बार जुलाई माह तक 342 मिमी वर्षा हो चुकी है। अगस्त माह में अच्छी बारिश होने पर औसत बारिश का आंकड़ा पार हो सकता हैं और जलाशयों में भी अच्छी आवक हो जायेगी।
-मदनसिंह शक्तावत, कृषि अधिकारी भीण्डर

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