भीण्डर से लगाई गुहार – सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सकों को नहीं मिल रही पेंशन….

भीण्डर से लगाई गुहार - सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सकों को नहीं मिल रही पेंशन....

पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर से मुलाकात करके लगाई गुहार

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Bhinder@VatanjayMedia

सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सकों के पेंशन प्रकरणों को लेकर शुक्रवार को राजस्थान आयुर्वेद चिकित्साधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने वल्लभनगर पूर्व विधायक व भाजपा नेता रणधीर सिंह भीण्डर से मुलाकात करके समस्या हल करवाने की गुहार लगाई।

उल्लेखनीय हैं कि 1990 से 1993 के मध्य नियुक्त हुए आयुर्वेद चिकित्सकों के पेंशन प्रकरणों में परेशानी आ रही हैं और इसको लेकर सरकार में कई दफा गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने के बाद शुक्रवार को भीण्डर से मुलाकात करके सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सकों को बुढ़ापें में आ रही परेशानियों से निजात दिलाने की मांग की।

इस दौरान डॉ. गुणवंत सिंह देवड़ा उदयपुर, डॉ. रमेश चन्द्र भट्ट डूंगरपुर, डॉ. मुकेश भारद्वाज उदयपुर, डॉ. रमेश चन्द्र पाटीदार डूंगरपुर, डॉ. मदनलाल जोशी भीण्डर, शिक्षाविद् प्रकाश चन्द्र वया, राजेन्द्र मेनारिया उपस्थित रहे।

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नियुक्ति तिथि व नियमितीकरण तिथि के अंतर से पेंशन में परेशानी

आयुर्वेद विभाग में 1981 से 1993 के मध्य चयन समिति द्वारा समय-समय रिक्त पदों के विरूद्ध 1500 आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों को नियुक्ति प्रदान की गई थी। इसमें से 1004 आयुर्वेद चिकित्सकों को कार्मिक विभाग ने नियमित कर दिया। लेकिन सेवानिवृति के समय पेंशन विभाग द्वारा नियुक्ति तिथि व नियमितीकरण तिथि में 7-17 वर्षों का अंतर होने से विभाग ने आक्षेप लगकार पेंशन प्रकरण बाधित किया गया था।

2015 में संशोधन आदेश जारी कर नियुक्ति दिनांक से नियमित कर पेंशन प्रकरण निस्तारित किये गये थे। लेकिन 6 मई 1990 से 31 दिसम्बर 1993 के मध्य नियुक्त आयुर्वेद चिकित्सकों को 2006 के आदेश के तहत नियमित किया गया। लेकिन नियुक्ति तिथि व नियमितीकरण तिथि अंतर के कारण पेंशन विभाग आक्षेप लगाकर पेंशन को रोक रखा है।

इसके लिए विभाग ने कार्मिक विभाग को नियुक्ति तिथि से नियमित करने प्रस्ताव भी भेजा लेकिन आवश्यक कार्यवाही नहीं हुई। जबकि इस अवधि के दौरान ही यूनानी व होम्योपैथी चिकित्सकों को कार्मिक विभाग की अधिसूचना पर नियुक्ति तिथि से नियमित किया जा चुका है।

एक ही विभाग में समान सेवा नियमों से पदस्थापित आयुर्वेद चिकित्सकों को भी नियुक्ति दिनांक से नियमितीकरण करने की मांग होने के बावजुद आज दिनांक तक ये कार्यवाही नहीं करने से अब सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सकों को पेंशन प्रकरणों में परेशानी आ रही है।

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