प्राइवेट सोनोग्राफी लेब की होती रहे चांदी, इसलिए सरकारी मशीन के लटक रहा हैं ताला!

प्राइवेट सोनोग्राफी लेब की होती रहे चांदी, इसलिए सरकारी मशीन के लटक रहा हैं ताला!

भीण्डर हॉस्पिटल में आम मरीजों की नहीं होती सोनोग्राफी, रेडियोलोजिस्ट का पद खाली

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Bhinder@VatanjayMedia

भीण्डर हॉस्पिटल की सोनोग्राफी मशीन पर ताला लटका होने से प्राइवेट सोनोग्राफी लेब की जमकर चांदी हो रही है। सरकार ने हॉस्पिटल में लाखों रूपये खर्च करके लगा रखी सोनोग्राफी मशीन आम मरीजों के काम नहीं आ रही है। इसके चलते आम मरीजों को अपनी सोनाग्राफी करवाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। इस वजह से ही पिछले दो वर्ष में भीण्डर हॉस्पिटल के बाहर तीन-तीन प्राइवेट सोनाग्राफी मशीनें स्थापित हो गई है। जबकि भीण्डर हॉस्पिटल में जब से मशीन आईं हैं तब से अभी तक रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति नहीं हुई है।

भीण्डर के स्व.गुलाबसिंह शक्तावत राजकीय सामान्य चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन पिछले काफी समय से स्थापित है। लेकिन इसके संचालक के लिए रेडियोलोजिस्ट नहीं होने की वजह से आम मरीजों की सोनोग्राफी नहीं हो पाती है। चिकित्सा विभाग ने सोनोग्राफी मशीन का संचालन होता रहे इसके लिए हॉस्पिटल में कार्यरत्त स्त्रीरोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को सोनोग्राफी मशीन संचालन का प्रशिक्षण करवाया ताकि गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी हॉस्पिटल में हो सकें।। लेकिन ये चिकित्सक भी केवल अपने गर्भवती मरीजों की आवश्यकता होने पर एक यो दो बार सोनाग्राफी करते है। इसके अलावा मरीजों को बाहर से ही सोनोग्राफी करवानी पड़ती है। वहीं अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सोनोग्राफी करवाने के लिए निजी लेब पर जाना पड़ता है।

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दो वर्ष में तीन निजी सोनोग्राफी लेब स्थापित

भीण्डर हॉस्पिटल में प्रतिदिन करीब 500 मरीजों का आउटडोर है। जिसमें कई मरीजों की बीमारी की जांच के लिए सोनाग्राफी आवश्यक होती है। इसी वजह से दो वर्ष पहले एक निजी सोनोग्राफी लेब की स्थापना हुई थी और मरीजों की संख्या देखते हुए दो वर्ष में लेब की संख्या बढ़कर तीन हो चुकी है। सभी लेबों पर जमकर मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि सरकारी मशीन के ताले लटके रहते है।

सरकारी में 100 से 150 तो प्राइवेट में 800 से 1000 सोनोग्राफी

भीण्डर के सरकारी हॉस्पिटल में जहां प्रत्येक माह में औसत 100 से 150 सोनोग्राफी होती हैं, जबकि बाहर चल रही तीन निजी लेबों में 800 से 1000 सोनोग्राफी होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि सरकार की कमी की वजह से हजारों मरीजों के लाखों रूपये निजी लेबों में देने पड़ रहे है। इसी वजह से निजी सोनोग्राफी लेबों को फायदा पहुंचाने के लिए सामान्य परेशानी में भी सोनोग्राफी की जांच लिखी जा रही है।

रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति से ही मिल सकता हैं लाभ

भीण्डर हॉस्पिटल में सोनोग्राफी संचालन के लिए रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति हो जाएं तो आम मरीजों को भी लाभ मिलना शुरू हो जायेगा। अभी तक केवल गर्भवती महिलाओं के ही सोनोग्राफी हो रही है। रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति होने के बाद कई मरीजों को अपनी बीमारी का पता लगवाने के लिए निजी लेब के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और मरीजों की जेब भी ढीली नहीं होगी।

इनका कहना

भीण्डर हॉस्पिटल में सोनोग्राफी मशीन संचालित हैं, प्रतिदिन 8-10 सोनोग्राफी हो रही है। लेकिन ये केवल गर्भवती महिलाओं की हो रही है। सरकार अगर हॉस्पिटल में रेडियोलोजिस्ट की नियुक्ति कर देंवे तो आम मरीजों की भी सोनाग्राफी होने लग जायेगी।
-डॉ. संकेत जैन, बीसीएमओ व भीण्डर चिकित्सा प्रभारी

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