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भीण्डर पंचायत समिति का पूर्व उपप्रधान 80 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

By vatanjaymedia

March 27, 2024

वल्लभनगर थाने का दलाल के रूप में 80 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया पोखरना

थानाधिकारी के नाम कांस्टेबल पर 1.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का

Bhinder@VatanjayMedia

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर ने बुधवार को वल्लभनगर थाने के दलाल पूर्व उप प्रधान कमलेश पोखरना को 80 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपी कांस्टेबल बजरंग सिंह मीणा मौके से फरार हो गया। एसीबी टीम उसकी तलाश में जुटी है। गिरफ्तार दलाल कमलेश पोखरना भींडर पंचायत समिति का 2015 से 2017 तक उपप्रधान भी रह चुका है। जानकारी अनुसार आरोपी कांस्टेबल और दलाल परिवादी से उसका जब्त किया गया जेसीबी और ट्रेक्टर छोड़ने की एवज में थानाधिकारी के नाम से 1.50 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा था।

परिवादी ने वल्लभनगर कांस्टेबल बजरंग मीणा और दलाल के खिलाफ एसीबी कार्यालय में शिकायत दी थी। शिकायत में परिवादी ने बताया कि वल्लभनगर थाना पुलिस ने उसकी एक जेसीबी और ट्रेक्टर जब्त किया हुआ है। इन वाहनों को छोड़ने की एवज में कांस्टेबल बजरंग सिंह मीणा थानाधिकारी के नाम पर 1 लाख 50 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। पूरे प्रकरण में कमलेश पोखरना दलाली कर रहा है। रिश्वत नहीं देने पर आरोपियों द्वारा मुझे परेशान किया जा रहा है।

इसके बाद एसीबी एडिशनल एसपी विक्रम सिह राठौड़ के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया तो आरोपी कमलेश पोखरना को 80 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसकी भनक कांस्टेबल को लगी तो वह मौके से फरार हो गया। जिसकी तलाश में टीम जुट चुकी है। इस मामले में हालांकि वल्लभनगर थानाधिकारी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं, लेकिन एसीबी टीम इस मामले में तार जुड़े होने की जांच करेगी।

उपप्रधान बनने के दौरान भी मिली थी सुर्खिंया

पुलिस के दलाल के रूप में 80 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए कमलेश पोखरना के उपप्रधान बनने का घटनाक्रम भी दिलचस्प रहा था। वर्ष 2015 में भीण्डर पंचायत समिति में भाजपा के महज दो सदस्य जीतने के बावजूद भी उनमें से एक सदस्य कमलेश पोखरना को कांग्रेस के सहयोग से उपप्रधान बनाया था। उस समय कांग्रेस नेता स्व. गजेन्द्र सिंह शक्तावत से मुलाकात के दौरान भाजपा के दुपटटे उतारने का मामला सुर्खिंयों में रहा था। हालांकि दो वर्ष के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव से उपप्रधान का पद गंवाना पड़ा था।

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